राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ
अकादमी, जयपुर
केन्द्र प्रवर्तित योजना
भारत सरकार ने प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के बाद सन् 1968 में उच्च शिक्षा
के माध्यम परिवर्तन पर बल दिया था। भारत सरकार की इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के
अन्तर्गत भारतीय भाषाओं में उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न विषयों की
पुस्तकों का लेखन, प्रकाशन एवं विपणन किया जाना था। इसके लिए हिन्दी प्रदेशों में
ग्रन्थ अकादमियों एवं हिन्दीतर प्रदेशों में पाठ्य पुस्तक-निर्माण मण्डलों का गठन
किया गया था। सन् 1969 में एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में राजस्थान हिन्दी
ग्रन्थ अकादमी की स्थापना हुई।
उद्देश्य
अपनी स्थपना से यह अकादमी हिन्दी माध्यम में उच्चशिक्षा प्राप्त कर रहे
विद्यार्थियों के लिए विज्ञान, तकनीकी, मानविकी, वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान एवं शिक्षा आदि विषयों
की पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाती है। इस पाठ्य सामग्री में पाठ्य पुस्तकें हैं तो
सन्दर्भ ग्रन्थ भी हैं।
उपादेयता
अकादमी न लाभ - न हानि के
सिद्धान्त पर पुस्तकें प्रकाशित करती है ताकि कम कीमत की इन पुस्तकों को अधिक से
अधिक विद्यार्थी खरीद सकें। पुस्तकें विषय विशेषज्ञों के द्वारा लिखी जाती हैं ताकि
गुणवत्ता कायम रहे।
मौलिक पुस्तकों का वर्षवार प्रकाशन
वर्ष |
2008-09 |
2009-10 |
2010-11 |
2011-12 |
2012-13 |
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
2017-18 |
2018-19 |
मौलिक |
16 |
16 |
16 |
14 |
20 |
13 |
13 |
13 |
14 |
12 |
12 |
मार्च, 2019
तक अकादमी ने विज्ञान, तकनीकी, मानविकी, सामाजिक
विज्ञान एवं शिक्षा आदि विषयों की 656 मौलिक एवं 90 अनुदित पुस्तकें प्रकाशित की हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 12
मौलिक पुस्तकें प्रकाशित की गईं हैं।
परिष्कृत पुस्तकों का पुनर्मुद्रण
विश्ववि़द्यालयों
के पाठ्यक्रमानुसार नयी पाठ्यपुस्तकों के लेखन एवं प्रकाशन के साथ पूर्व प्रकाशित
पुस्तकों में संशोधन का
कार्य अनवरत चलता रहता है। पुस्तक के पुनर्मुद्रण से पूर्व लेखकों से विषय, भाषा
एवं प्रस्तुति के सन्दर्भ में अपेक्षित संशोधन करवाये जाते हैं
ताकि विद्यार्थियों को अध्ययन हेतु स्तरीय सामग्री उपलब्ध हो सके। वित्तीय वर्ष
2018-19 में 84 संस्करण प्रकाशित किये जा चुके हैं।
वर्ष |
2008-09 |
2009-10 |
2010-11 |
2011-12 |
2012-13 |
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
2017-18 |
2018-19 |
संस्करण |
60 |
40 |
40 |
48 |
65 |
58 |
44 |
55 |
91 |
50 |
84 |
बिक्री
अकादमी ने बिक्री का अपना तंत्र विकसित कर लिया है जिससे सभी हिन्दी प्रदेशों में अकादमी
की पुस्तकें बिक रही हैं। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 151 लाख की बिक्री की गई है।
वर्षवार कुल बिक्री (लाख रूपये में)
वर्ष |
2008-09 |
2009-10 |
2010-11 |
2011-12 |
2012-13 |
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
2017-18 |
2018-19 |
बिक्री |
84 |
80 |
73.44 |
90.11 |
100.06 |
100.11 |
71.80 |
118 |
191 |
151 |
371.29 |
विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों में अनुशंसित
पुस्तकें
राजस्थान के विश्वविद्यालयों के विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों में अकादमी की 100
से अधिक पुस्तकें अनुशंसित हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश,
बिहार, हरियाणा एवं दिल्ली सहित हिन्दी भाषी प्रदेशों के विश्वविद्यालयों के
पाठ्यक्रमों में भी अकादमी की अनेक पुस्तकें अनुशंसित हैं।
मेले/प्रदर्शनियाँ/बिक्री केन्द्र
अपनी पुस्तकों के प्रचार-प्रसार एवं विक्रय के लिए अकादमी प्रदेश की विभिन्न
राजकीय महाविद्यालयों में दो दिवसीय राजस्थान पुस्तक पर्व का आयोजन करती है तथा पुस्तक मेलों में भाग लेकर
विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनियाँ लगाती है।
विद्यार्थियों एवं संस्थाओं को सस्ती से
सस्ती किताब
राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी विद्यार्थियों को कम से कम कीमत पर मानक पाठ्य
पुस्तकें एवं सन्दर्भ ग्रन्थ उपलब्ध करवाती है। विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं पाठकों
को सीधी खरीद करने पर पुस्तक मूल्य पर 25 प्रतिशत की छूट दी जाती है। संस्थाओं को
सीधी खरीद करने पर 20 प्रतिशत की छूट देय है।
रायल्टी का ऑनलाइन लेखा / देश का एकमात्र
प्रकाशन गृह
लेखन पारिश्रमिक स्वरूप अकादमी अपने लेखकों को 20 प्रतिशत रॉयल्टी प्रदान करती है।
यह हर्ष का विषय है कि रायल्टी के सही-सही भुगतान के संदर्भ में अकादमी ने लेखकों
का विश्वास अर्जित किया है।
पारदर्शिता एवं लेखकों की सुविधा के लिए रायल्टी का प्रतिदिन का लेखा अकादमी की
वेबसाइट पर रखने का प्रावधान किया है। अब अकादमी के लेखक जब चाहें, अपनी पुस्तक की
बिक्री व रायल्टी का लेखा घर बैठे अकादमी की वेबसाईट से देख सकते हैं। इस तरह की
सुविधा प्रदान करने वाला यह देश का एकमात्र संस्थान है।